सोमवार, 8 जुलाई 2019

पानी की समस्या...

पानी की समस्या
भारत में मानसून का आगाज हो चुका है। कितने राज्यों में बारिश शुरू हो गई है तो कई राज्यों में इसका इंतजार है। हालत कुछ इस तरह के बने हुए हैं कि एक तरफ भारी बारिश और जलभराव से मुंबई के लोग परेशान हैं, तो दूसरे तरफ कई शहर बारिश को तरस रहें हैं। पर्यावरण में आए बदलाव का असर ऐसा है कि एक ही शहर के किसी क्षेत्र में अति वर्षा हो रही है तो कहीं गर्मी और सूखे जैसे हालात हो चुके हैं।इसका असर जलप्रदूषण औऱ जल संकट के रूप में दिखाई दे रहा है।हाल ही में केंद्र सरकार के एक रिपोर्ट के मुताबिक 70 फ़ीसदी पानी प्रदूषित हो चुकी है।देश जलसंकट के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है।देश की लगभग आधी आबादी पानी की कमी से जूझ रही है।हर साल प्रदूषित पानी की वजह से लाखों लोगों की जान जा रही है।
                       देश में लगभग सभी शहरों में कई महिलाएं पानी केलिए घण्टों लाइन में खड़ी होती है या फिर टैंकर से पानी भरकर घर लाती है।तो कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां कई किलोमीटर चलकर पीने का पानी भरने जाना पड़ता है।

नीति आयोग के रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार में से तीसरा व्यक्ति गंदा पानी पीने को मजबूर है।हमारे देश मे गन्दे पानी को साफ न कर पाना भी एक बहुत बड़ी समस्या है।एक सर्वे के मुताबिक गंदे पानी का सिर्फ एक तिहाई हिस्सा साफ किया जाता है और बाकी नदी,नाले या फिर तालाब में गिरा दिया जाता है।इससे भू-जल भी प्रदूषित होता है।इसी रिपोर्ट के मुताबिक नदियों का पानी प्रदूषित है, साथ ही भू-जल और नल का पानी भी गंदा हो चुका है।इसकी बड़ी वजह कचरे का उचित व्यवस्था नहीं हो पाई है।जिसके चलते भूमि के अंदर का जल प्रदूषित और जहरीला होगया है।
हाल ही में नीति आयोग के द्वारा यह भी दावा किया गया है कि अगर भारत मे पानी की समस्या को सुलझा लिया गया तो देश की जीडीपी में लगभग 5-6 फ़ीसदी फायदे का अनुमान है।
  भारत की सबसे और पवित्र कही जाने वाली गंगा नदी दुनिया की सबसे गंदी नदियों में से एक है।साथ ही यमुना,साबरमती ,गोदावरी नदी की हालत उससे कहीं कम नहीं है।कई नदियाँ तो सुख चुकी है।जिससे इसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है।
      यदि हमें जल प्रदूषण को कम करना है और पीने के पानी की उपलब्धता बढ़ानी है तो जिन देशों में प्रबंधन अच्छा है,उनसे सीख और मदद लेने की आवश्यकता है।जल प्रबंधन के मामले में इजरायल के पास सबसे अच्छी तकनीक है उससे मदद लेने की आवश्यकता है।हाल ही में इजरायल के मदद से ही गंगा नदी को साफ करने की खबर भी सामने आई थी।
               
                              ✍️अरुणेश कुमार गोलू