मुझे ये बात बिल्कुल समझ नहीं आई कि जो अब तक के पिछले 5 चरणों के चुनाव हुए जिसमे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रैलियों में बालाकोट और राष्ट्रवाद की चर्चा की।
अब जो चुनाव होने वाली वाली है जिसमें सिर्फ 120 सीटें बची हुई है उसमें प्रधानमंत्री कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विरासत पर चुनाव हो जाए।
मतलब की जो प्रधानमंत्री एक आतंकी हमले में आज से लगभग 3 दशक पहले मारे गए।
एक ऐसा प्रधानमंत्री जो अपने नाकामियों को छुपाने केलिए कभी सैनिकों के शहादत पर सियासत करता है तो कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शहादत पर।
क्या प्रधानमंत्री को नोटबन्दी और GST पर वोट नही मांगना चाहिए? क्या रोजगार की चर्चा नहीं कर सकते हैं?
इसका मतलब भी साफ हो चुका है कि वो चुनाव के नतीजों से डर रहे हैं इसलिए तो अपने एक interview में times now के एक पत्रकार को चुनौती दे रहे हैं कि 'अगर हिम्मत है तो मेरे इस interview को आप हिंदी और इंग्लिश में tv पर दिखाए।'
प्रधानमंत्री जी आपको ये समझना चाहिए कि इस वक़्त देश का पूरा मीडिया आपकी चर्चा कर रही है तो फिर चुनौती है या आपके अंदर का डर।
अब जो चुनाव होने वाली वाली है जिसमें सिर्फ 120 सीटें बची हुई है उसमें प्रधानमंत्री कांग्रेस को चुनौती दे रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विरासत पर चुनाव हो जाए।
मतलब की जो प्रधानमंत्री एक आतंकी हमले में आज से लगभग 3 दशक पहले मारे गए।
एक ऐसा प्रधानमंत्री जो अपने नाकामियों को छुपाने केलिए कभी सैनिकों के शहादत पर सियासत करता है तो कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शहादत पर।
क्या प्रधानमंत्री को नोटबन्दी और GST पर वोट नही मांगना चाहिए? क्या रोजगार की चर्चा नहीं कर सकते हैं?
इसका मतलब भी साफ हो चुका है कि वो चुनाव के नतीजों से डर रहे हैं इसलिए तो अपने एक interview में times now के एक पत्रकार को चुनौती दे रहे हैं कि 'अगर हिम्मत है तो मेरे इस interview को आप हिंदी और इंग्लिश में tv पर दिखाए।'
प्रधानमंत्री जी आपको ये समझना चाहिए कि इस वक़्त देश का पूरा मीडिया आपकी चर्चा कर रही है तो फिर चुनौती है या आपके अंदर का डर।