शनिवार, 18 सितंबर 2021

104 फीट ऊंचा 400 फीट परिधि वाला विश्व का सबसे ऊंचा स्तूप ,सरकारी उपेक्षा का शिकार

 

विश्व का सबसे ऊँचा स्तूप है केसरिया बौद्ध स्तूप :

केसरिया बौद्ध स्तूप की ऊंचाई आज 104 फीट है और इसकी परिधि लगभग 400 फीट है।
इसलिए इसे विश्व का सबसे ऊंचा स्तूप होने का गौरव प्राप्त है।इस बेहतरीन ढाँचा को भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा साल 1998 में खोजा गया था।
बौद्ध स्तूप में लगी ईटें मौर्य कालीन है। सभी मूर्तियां विभिन्न मुद्राओं में है। 1861-62 में इस स्तूप के संबंध में कर्निघम ने लिखा हैं कि केसरिया का यह स्तूप 200 ईसा से 700 ईसा के मध्य बना है। चीनी यात्री फाहियान के अनुसार केसेरिया के देउरा स्थल पर भगवान बुद्ध अपने महापरिनिर्वाण के ठीक पहले वैशाली से कुशीनगर जाने वक्त एक रात का विश्राम किया था। तथा साथ आये वैशाली के भीक्षुओं को अपना भीक्षा पात्र प्रदान कर कुशीनगर के लिए प्रस्थान किया था।

बौद्ध स्तूप की हालत दिन पर दिन ख़राब होते जा रहा है

दुनिया में भारत को पहचान दिलाने वाला बिहार के चंपारण के केसरिया बौद्ध स्तूप की हालत दिन पर दिन ख़राब होती जा रही है।बौद्ध स्तूप धीरे-धीरे खंडहर में बदलते जा रहा है।लेकिन सरकार की ध्यान अब तक नहीं पड़ा।पिछले कई सालों से इस स्तूप को बनाने के लिए सरकार से मांग की जा रही है।लेकिन सिर्फ समय बदल जाता है स्तूप की हालत बद से बदत्तर होती जा रही है।

बौद्ध स्‍तूप का बाढ़ के पानी से घिरना हर साल की समस्‍या है। पिछले साल भी स्‍तूप के प्रांगण में बाढ़ का पानी आ गया था। पानी के दबाव के कारण स्तूप के एक भाग की चारदीवारी भी गिर गई थी।

फिलहाल इस बौद्ध स्तूप की काफी जर्जर हो चुकी है,स्तूप के चारों तरफ जलजमाव है।पानी के बीचों बीच दुनिया के सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप विकास की उम्मीद लगाए बैठा है लेकिन अब तक विकास नहीं हो पाया।

युवाओं ने ट्वीट पर ट्रेंड  गया

पिछले कुछ दिनों में बिहार की युवा शक्ति भी एक जुटता दिखाते हुए ट्विटर पर #save_kesariyabaudhstupa ट्रेंड कराया था।राजद ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर हैन्डल से इसके समर्थन में ट्वीट किया था।हालाकिं इस मुहिम को केसरिया विधायक शालिनि मिश्रा के अलावा क्षेत्र के किसी अन्य नेता का सहयोग नहीं मिला।  पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र से सांसद पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और  जिले के अन्य 11 विधायकों ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली। भाजपा बिहार के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिमी चंपारण के सांसद संजय जायसवाल ने भी इसको लेकर कोई आवाज़ नहीं उठाया।

वर्तमान डीएम और केसरिया विधायक स्तूप के विकास के लिए प्रयासरत

जिले के वर्तमान डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने
बौद्ध स्तूप के सौंदर्यीकरण को लेकर कदम उठाये है। स्तूप के आसपास पानी लगने की समस्या के निराकरण और स्तूप तक जाने वाले पथ का निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण हो गया है।
शालिनि मिश्रा बिहार विधानसभा में बौद्ध स्तूप को लेकर अपनी आवाज़ भी उठाई थी लेकिन इसके बावजूद भी अब तक विकास नहीं हो पाया।