"उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्य चुनाव आयोग और बेसिक शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में बताया है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए 706 प्राथमिक शिक्षकों और बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की जान गई है. संघ ने मतगणना टालने की मांग की है."
हे भगवान!क्या हो रहा है इस देश में?अब तो सरकार नाम से ही घिन आती है।जनता के वोट से पालने वाली सरकार इतना मक्कार हो सकती है।एक के बाद एक मौत होती जा रही है लेकिन सरकार को सिर्फ चुनाव से मतलब है।चाहे वो चुनाव लाशों के ढ़ेर पर ही क्यों न हो?लानत है ऐसी सरकार और मतलबफरोस नेतागण जो चुनाव केलिए इस देश को श्मशान बना दिया है।क्या जरूरी है चुनाव कराना?क्या जरूरी है मतगणना करना? जब पता है कि सैकड़ो मतदानकर्मियों की मौत हो चुकी है।लेकिन फिर भी ये सरकार सोयी हुई है।अब भी समय है प्रधानसेवक जी यूपी (पंचायत चुनाव) समेत पांच राज्यों के मतगणना को रोक दीजिए।नहीं तो आगे क्या होगा? अब भगवान ही मालिक हैं।
अगर अब भी सरकार चुप रहती है और मतगणना कराई जाती है तो हमें यह समझ लेना होगा कि सरकारों को आपके जान से कोई लेना देना नहीं है।आप सरकार के लिए सिर्फ संख्या मात्र हैं।इनको लाशों के ढ़ेर में चुनाव लड़ने में कई दिक्कत नहीं है।
आपको याद होगा हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयोग ने रैली क्यों नहीं रोकी? कोर्ट ने चुनाव आयोग को गैर-जिम्मेदार संस्था भी कहा था एवं इसके अधिकारियों पर हत्या का मामला चलाना चाहिए।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर यह मामला चलायेगा कौन? क्योंकि इसके पीछे तो सरकार ही खड़ी है।
Arunesh Kumar